Wheat Farming Ideas : समय पर नहीं हुई गेहूं की बुवाई तो घबराएं नहीं, गेहूं की पछेती बुवाई के बारे में यहां जाने सब कुछ

Wheat Farming Ideas बहुत सारे किसान ऐसे हैं जो समय पर गेहूं के बुवाई न करने की वजह से परेशान हो जाते हैं की कहानी लेट ना हो जाए और फसल खराब ना हो।

तो ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है पिछेती गेहूं की बुवाई के बारे में आज हम आपको पूरी डिटेल बताएंगे।

Wheat Farming Ideas पिछेती गेहूं की बुवाई के बारे में जानकारी

हर चीज का एक समय होता है अगर वह चीज जो समय पर ना हो तो लोगों को टेंशन होने लग जाती है। ऐसे ही गेहूं की खेती में भी होता है। आज के इस लेख के जरिए हम आपको गेहूं की पिछेती बुवाई के बारे में बताने वाले हैं।

अगर आप भी किसान है और गेहूं की बुवाई के बारे में सब कुछ विस्तार से जाना चाहते हैं तो हमारा यह आर्टिकल आखिर तक ध्यान से जरूर पढ़ें। किस प्रकार की मिट्टी में इस गेहूं की बुवाई करनी है,

कौन-कौन सी किस्म हैं और कब-का बी इसमें सिंचाई करनी है इसके बारे में चलिए जानते हैं विस्तार से।

गेहूं की अच्छी किस्में

पी बी डब्ल्यू- 550, 502, डब्ल्यू एच- 542, 896 और यू पी- 2338, यू पी 2338,एच डी- 2967, 4713, 2851, 2894, 2687, डी बी डब्ल्यू- 17, डब्ल्यू एच- 533, पी बी डब्ल्यू- 175 गेहूं की उन्नत किस्में है। इन सब से फसल की पैदावार भी बहुत अच्छी होती है।

गेहूं की बुवाई और सिंचाई

गेहूं के जिस किस्म के बारे में आपको बताया गया है इसकी बुवाई 10 नवंबर से 25 नवंबर के बीच की जा सकती है। यूं तो गेहूं की बुवाई अक्टूबर से लेकर नवंबर के मध्य तक की जाती है। परंतु कुछ ऐसी अवस्थाएं होती हैं, जिसमें आप दिसंबर तक भी गेहूं की बुवाई कर सकते हैं।

ऐसे करें गेहूं की बुवाई

हमेशा गेहूं की बुवाई पर्याप्त नमी वाली जमीन में ही करें। कोशिश करें किसकी बुवाई में देरी न करें क्योंकि जितनी देरी करेंगे उतने ही पैदावार कम।

अगर इसकी बुवाई पर्याप्त मात्रा में नमी वाली जगह पर नहीं होती है तो भी उपज ठीक से नहीं होती। गेहूं की बुवाई लाइन में करें तो वह आपके लिए अच्छा है।

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गेहूं में कितनी बार सिंचाई करें

गेहूं की फसल में किसान लगातार चार से छह बार सिंचाई जरूर करें। हां अगर जमीन रेतीली है तो आप 4 से 6 की बजाय चार से आठ बार खेत में सिंचाई करें। इससे पैदावार भी अच्छी होगी और आपकी फसल भी खराब नहीं होगी।

अगर आप समय पर बुवाई कर लेते हैं तो पैदावार 55 से 60 क्विंटल के बीच होती है अगर लेट बुवाई करते हैं तो इस पैदावार में कमी आ जाती है।

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