फसल की पैदावार और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए किसान बायोटेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके जरिए किसानों को मुनाफा अधिक होने लग गया है।
खेती में हो रहा बायोटेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
बायोटेक्नोलॉजी का प्रसार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसका फायदा हर क्षेत्र को मिल रहा है। बायोटेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके किस नई फसलों की खेती करके बढ़िया मुनाफा भी कमाने लग गए हैं।
अगर यह कहा जाए कि बायोटेक्नोलॉजी ने कृषि के क्षेत्र में एकदम से क्रांति ला दिया है तो यह बिल्कुल गलत नहीं होगा। इससे किसानों को कई तरह से फायदा हो रहा है एक उनकी आय बढ़ रही है
और दूसरा बेहतर और अच्छी गुणवत्ता वाले फसलों की उपज वह बायोटेक्नोलॉजी के जरिए कर पा रहे हैं। आज के इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे कि किस तरीके से बायोटेक्नोलॉजी का प्रयोग करके किसान भाई अच्छी आमदनी कमा रहे हैं।
अच्छी उपज और बेहतर गुणवत्ता वाली फसलें
बायोटेक्नोलॉजी ने कृषि क्षेत्र की तस्वीर ही बदल कर रखती है। इसकी मदद से जहां फसलों की उपज अच्छी हो रही है तो वही उनकी गुणवत्ता भी काफी सुधर चुकी है।
विभिन्न प्रकार की दालें, सब्जियां और अनाज के पौष्टिक तत्व में बायोटेक्नोलॉजी के जरिए सुधार किए गए हैं। विटामिन्स, मिनरल्स, आयरन, प्रोटीन, जिंक, कार्बोहाइड्रेट जैसे अन्य कई पौष्टिक तत्वों को फसलों में बढ़ाया गया है।
बायोटेक्नोलॉजी से विकसित हुई नई किस्में
यह बायोटेक्नोलॉजी की ही दिन है जो आज के समय में किसान नई और उन्नत किस्म की फसलें उगा रहे हैं। या यूं कह लें के बायोटेक्नोलॉजी ने नई किस्म की फसलों को विकसित किया है। गेहूं, धान, मक्का यह सब विकसित फसलों में आती हैं।
इन फसलों में बायोटेक्नोलॉजी की मदद से किट और रोगों के प्रति लड़ने और बीमारियों के प्रति मजबूत बनाने के गुण विकसित किए गए हैं। पहले के मुकाबले अब किसानों को इन फसलों की पैदावार ज्यादा प्राप्त हो रही है। गुणवत्ता बढ़ जाने की वजह से फसलों को बाजार में अच्छे दाम भी मिल रहे हैं।
प्राप्त हुए कीटनाशक दवाई
बायोटेक्नोलॉजी की मदद से किसानों को वैज्ञानिक ने फसल की ऐसी किस्में किसानों को दी है जो कट प्रतिरोध और रोग प्रतिरोधक है। यह फसलें खुद को विभिन्न प्रकार की बीमारी और कीटों से बचा सकते हैं। किसानों को फसल की सुरक्षा के लिए रासायनिक खादों पर पैसे नहीं खर्च करने पड़ते हैं।