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Temple which predicts Monsoon एक ऐसा मंदिर जो बताती है मानसून का हाल, किसान भी मानते हैं मंदिर के भविष्यवाणी

by Priyanka Singh
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Temple which predicts Monsoon

Temple which predicts Monsoon देश में एक ऐसा मंदिर है, जिसकी भविष्यवाणी के हिसाब से ही वहां के किसान चलते हैं। मंदिर की छत से टपक रही पानी की बूंद देखकर वहां के पुजारी मानसून का हाल बता देते हैं। पुजारी के कहने अनुसार ही किसान फसल लगाते है।

Temple which predicts Monsoon मंदिर बताती है मौसम का हाल

Temple which predicts Monsoon अगर हम आपको यह कहे कि हमारे देश में एक ऐसा मंदिर है जो मानसून के भविष्यवाणी करती है तो आपको कैसा लगेगा, यकीनन आपको भी यह बात झूठी लगेगी ,

लेकिन यह सच है। जी हां कानपुर में घाटमपुर वाले मानसून मंदिर की चर्चा हर तरफ है। मंदिर में बने गुबंद से जो पानी टपकता है , उस से यह तय होता है कि इस बार का मौसम कैसा रहने वाला है।

जानकारी मुताबिक इस मानसून मंदिर में भगवान जगन्नाथ जी की पूजा अर्चना की जाती है। इस मंदिर का नाम ही मानसून मंदिर है। मान्यता यह है कि तपती गर्मी में जब हर तरफ सूखा पड़ जाता है।

मानसून शुरू होने से पहले ही इस मंदिर में बने गुबंद से पानी की बूंदे टपकती हैं। इसके आकार को देखकर पता चल जाता है कि इस बार का मानसून कैसा रहने वाला है। आखिरकार ऐसा क्या राज है इस मंदिर में लिए जानते हैं…

Temple which predicts Monsoon मंदिर की छत से टपकती है पानी की बूंदे

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब जून की शुरुआत और मई के दूसरे हफ्ते में इस मंदिर के छत से पानी टपकने लगता है। हारने के बाद यह है कि मंदिर की छत में कहीं भी कोई छेद नहीं है,

ना कोई दरार और ना ही कोई खास निशान है। मानसून मंदिर में एक ही दरवाजा है। पर फिर भी पता नहीं पानी कहां से टपकता है।

Temple which predicts Monsoon लोगों को मिल चुका है दंड

जानकारी के मुताबिक मानसून मंदिर के आसपास लोग नहीं रहते हैं। कहा जाता है कि हजारों साल पहले लोग इस मंदिर के पास रहते थे। परंतु इसका हरजाना उन्हें बहुत बड़ा नुकसान से चुकाना पड़ा था।

उन्हें ऐसा दंड मिला था कि उसके पास से कोई किसी ने भी मंदिर के आसपास रहने की हिम्मत नहीं की। केवल मंदिर के पुजारी के पी शुक्ला का परिवार ही सदियों से इस मंदिर की देखरेख करता रहा है।

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बूंद के आकार से पता चलता है मानसून का हाल

जैसे ही छत से बंदे टपकने लगते हैं तो उसके आकार को देखकर ही मौसम का मिजाज पुजारी बताते हैं। वहां के किसान भी पुजारी की बात मानकर ही फसल की बुवाई करते हैं।

अगर बूंद का आकार छोटा होता है तो इसका मतलब यह है कि मानसून नॉर्मल सा रहने वाला है। लेकिन बूंद का आकार बड़ा होता है तो इसका अर्थ ही होता है कि मानसून बड़ा होने वाला है यानी की मानसून में तेज बरसात होगी।

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