प्रधान मंत्री किसान मान-धन पेंशन योजना: छोटे और सीमांत किसानों के लिए सुरक्षा

लॉन्च विवरण और प्रशासनिक निकाय

प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना (PM-KMY) को 12 सितंबर, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रांची, झारखंड में लॉन्च किया गया था। यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका प्रशासन कृषि और किसान कल्याण विभाग, कृषि मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा जीवन बीमा निगम (LIC) के साथ साझेदारी में किया जाता है।

LIC के साथ साझेदारी

LIC (जीवन बीमा निगम) प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना के लिए पेंशन कोष प्रबंधक है। यह योजना 60 वर्ष की आयु के बाद छोटे और सीमांत किसानों (जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि है) को प्रति माह 3,000 रुपये की निश्चित पेंशन प्रदान करती है।

योजना का विवरण

प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना भारत में छोटे और सीमांत किसानों के जीवन को सुरक्षित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह योजना प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन योजना से अलग है, जिसका विवरण संबंधित लेख में दिया गया है।

  • योजना का उद्देश्य है छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना।
  • इस योजना के तहत, प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना के लिए आवेदन करने वाले किसानों को प्रतिमाह 3000 रुपये की न्यूनतम आय गारंटी प्राप्त होगी।
  • इसके साथ ही, किसानों के परिवार के लिए भी आर्थिक सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी और इसके लिए 2000 रुपये की पेंशन प्रदान की जाएगी।
  • योजना के तहत, किसानों को मृत्यु के मामले में 2 लाख रुपये का बीमा भी मिलेगा।
  • इसके अलावा, किसानों को कृषि प्रयोजनों के लिए 6000 रुपये की सब्सिडी भी प्राप्त होगी।
  • योजना के अंतर्गत, किसानों को एक वर्ष के लिए किसान क्रेडिट कार्ड भी प्रदान किया जाएगा जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिलेगी।
  • यह योजना सरकार द्वारा संचालित होगी और पूरे देश में इसका व्यापार किया जाएगा।

प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य है कि छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सुरक्षा मिले और उनकी आय बढ़ाने के लिए उन्हें निश्चित पेंशन राशि प्रदान की जाए। इस योजना में 18 से 40 आयु वर्ग के किसान पात्र हैं और 60 साल की आयु के बाद प्रति माह 3000 रुपए की पेंशन दी जाएगी। इसके लिए किसानों को मासिक योगदान देना होगा, जिसकी धनराशि का निर्धारण उनकी आयु के आधार पर होगा। इस योजना के तहत किसानों को योगदान की राशि के बराबर धनराशि भी सरकार द्वारा योगदान की जाएगी।

पेंशन प्रावधान

प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना के तहत, 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद छोटे और सीमांत किसानों को (जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि है) प्रति माह 3,000 रुपये की निश्चित पेंशन प्रदान की जाती है। यह पेंशन प्रावधान उन किसानों के लिए है जो अपनी जीविकोपार्जन के लिए छोटी और सीमांत खेती करते हैं। इस प्रावधान के तहत, इन किसानों को आर्थिक सहायता मिलती है जो उन्हें अपनी आय के अधिकांश हिस्से लगातार प्राप्त करने की क्षमता से वंचित कर देती है। यह पेंशन उनके जीवन के अंतिम दिनों में सुरक्षा और सम्मान की भावना भी प्रदान करती है। इस प्रावधान की मदद से, छोटे और सीमांत किसान अपने आयुध्य यात्रा के दौरान भी आरामपूर्वक जीवन बिता सकते हैं।

किसानों के लिए लाभ और उद्देश्य

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना का उद्देश्य है भारत के छोटे और सीमांत किसानों के जीवन को सुरक्षित करना। यह योजना इन किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद एक निश्चित मासिक पेंशन प्रदान करके उनकी आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देती है। इस योजना के लाभों में शामिल हैं निश्चित आय, पेंशन की गारंटी, और आर्थिक सुरक्षा। यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रयास है ताकि उन्हें मान्यता, आत्मविश्वास, और आत्मनिर्भरता मिले। इस योजना के तहत किसानों को निश्चित मासिक पेंशन प्राप्त होती है जो उनकी आर्थिक सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करती है। इससे उन्हें अपने जीवन की उम्र के बाद भी नियमित आय की गारंटी मिलती है और वे अपने परिवार के लिए आरामदायक जीवन जी सकते हैं।

पात्रता मानदंड

प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना में शामिल होने के लिए किसानों को कुछ मानदंड पूरे करने होते हैं। पहले, किसान की आयु 18 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। दूसरे, किसान के पास उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के भूमि रिकॉर्ड के अनुसार 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि होनी चाहिए। यदि किसान इन मानदंडों को पूरा करता है, तो वह इस योजना के लाभार्थी बन सकता है।

हालांकि, यदि किसान किसी निष्कासन मानदंड के अंतर्गत आता है, तो वह इस योजना के लाभार्थी नहीं होगा। निष्कासन मानदंड के तहत आने वाले छोटे और सीमांत किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

अंशदान और सरकारी समर्थन

प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना के तहत, किसानों को प्रति माह 55 रुपये का अंशदान करना होता है और सरकार द्वारा इसका समान मिलान किया जाता है, जिससे किसानों को प्रति माह 3,000 रुपये की निश्चित पेंशन प्राप्त होती है। यह योजना किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है और उन्हें वृद्धावस्था में आराम से जीने का मौका देती है। अंशदान करने के लिए, किसानों को अपनी आय प्रमाणित करनी होती है और उन्हें अपने ग्राम पंचायत के केंद्रीय कार्यालय में आवेदन करना पड़ता है। इसके बाद, सरकार किसान के खाते में पेंशन राशि की राशि भेजती है। यह सरकारी समर्थन किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करता है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करता है।

प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना के तहत अब तक कितने किसानों ने पंजीकरण कराया है, इस बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है।

पंजीकरण आंकड़े

प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना के तहत, इस योजना के लाभ के पात्र नहीं होने वाले किसानों को निम्नलिखित मानदंडों के तहत योजना से वंचित किया गया है। ये मानदंड योजना को मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदकों के लिए निर्धारित किए गए हैं।

  • अपात्रता मानदंड 1: योजना के लाभार्थी किसानों की आय की सीमा से अधिक होनी चाहिए। इसका मतलब है कि यदि किसान की आय इस सीमा से कम होती है, तो वह इस योजना का लाभ नहीं उठा सकता है।
  • अपात्रता मानदंड 2: योजना के तहत केवल उन किसानों को लाभ मिलेगा जिनके पास वस्त्र, आवास, यातायात साधन या अन्य संपत्ति की कमी नहीं होती है। इससे मतलब है कि यदि किसान के पास इन सामग्रियों की कमी होती है, तो वह इस योजना के लाभ के पात्र नहीं होगा।
  • अपात्रता मानदंड 3: योजना के तहत केवल वे किसान लाभार्थी होंगे जिनकी आय का मूल्यांकन किसानी के लिए किया जाता है। अन्य कुछ व्यवसायों से आय प्राप्त करने वाले किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
  • अपात्रता मानदंड 4: योजना के तहत केवल वे किसान लाभार्थी होंगे जिनकी आय का मूल्यांकन क्रय और विक्रय के लिए किया जाता है। यदि किसान की आय उत्पादन या सेवाओं के लिए होती है, तो वह इस योजना का लाभ नहीं प्राप्त कर सकता। इसका मतलब है कि केवल वे किसान योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं जिनकी आय मुख्य रूप से कृषि उत्पादों की खरीद और बिक्री से होती है, न कि अन्य उत्पादन या सेवाओं से।

अपात्रता मानदंड

प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना के तहत, निम्नलिखित मानदंडों के तहत आने वाले किसान इस योजना के लाभ के पात्र नहीं हैं: 60 वर्ष से कम आयु के किसान केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी अन्य सरकारी पेंशन योजनाओं के लाभार्थी 5 एकड़ या अधिक भूमि के स्वामी कृषि आय के अलावा अन्य स्रोतों से वार्षिक आय 1.6 लाख रुपये से अधिक वाले किसान इन मानदंडों को पूरा न करने वाले किसान इस योजना के लाभ के पात्र नहीं हैं।

PM-KMY योजना के लाभ

प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना (PM-KMY) के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं: निश्चित मासिक पेंशन: योजना में शामिल होने वाले छोटे और सीमांत किसानों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद प्रति माह 3,000 रुपये की निश्चित पेंशन प्राप्त होती है। आर्थिक स्थिरता: इस पेंशन से किसानों की आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा मिलता है, क्योंकि वृद्धावस्था में उनकी आय स्रोत सीमित हो जाते हैं। स्वैच्छिक और अंशदायी: यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें किसान अपने स्वयं के योगदान के साथ-साथ सरकार का समान योगदान भी प्राप्त करते हैं। सामाजिक सुरक्षा: यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को वृद्धावस्था में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है। इस प्रकार, PM-KMY योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा कवच है जो उनकी आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देता है।

FAQs

प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना क्या है? प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना एक केंद्र सरकार की योजना है जिसका उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

इस योजना के तहत किसानों को क्या लाभ मिलता है? प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना के तहत किसानों को प्रत्येक साल ₹6,000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसका लाभ गरीब किसानों को मिलता है जो जमीन अधिग्रहण करने में असमर्थ हैं।

योजना में पंजीकरण के लिए क्या मानदंड हैं? प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना में पंजीकरण के लिए किसान को निम्नलिखित मानदंड पूरे करने होंगे:

  1. किसान की आय सीमा ₹1.5 लाख से कम होनी चाहिए।
  2. किसान को किसी भी सरकारी कार्यक्रम के तहत खाता नहीं होना चाहिए।

योजना से किन किसानों को वंचित रखा गया है? प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना से निम्नलिखित किसानों को लाभ नहीं मिलेगा:

  1. जो किसान जमीन के मालिक या संबंधित हों।
  2. जो आयु 60 वर्ष से अधिक हों।
  3. जो नौकरशाही कर रहे हों या पेंशन प्राप्त कर रहे हों।

प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना और प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन योजना में क्या अंतर है? प्रधान मंत्री किसान मान-धन योजना और प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन योजना दोनों अलग-अलग य

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