राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और मधु मिशन (एनबीएचएम): भारत में मधुमक्खी पालन उद्योग के समग्र विकास के लिए एक कें द्रीय योजना

परिचय

नमस्ते दोस्तों! इस लेख में हम एनबीएचएम के परिचय के बारे में चर्चा करेंगे। एनबीएचएम (एवं एनबीएचएम) का पूरा नाम नेशनल ब्रॉडबैंड हाईवे मिशन है। यह भारत सरकार द्वारा चलाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 15 अगस्त 2020 को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में की थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को मजबूत और व्यापक बनाना है। इसके माध्यम से, सरकार भारतीय जनता को उच्च गति और सुरक्षित इंटरनेट सुविधाएं प्रदान करने का लक्ष्य रखती है।

एनबीएचएम की घोषणा के पृष्ठभूमि

अब हम एनबीएचएम की घोषणा के पृष्ठभूमि के बारे में बात करेंगे। आत्मनिर्भर भारत पैकेज का घोषणा करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ब्रॉडबैंड संचार को मजबूत करने के लिए एनबीएचएम को शुरू करने का निर्णय लिया। इसका मुख्य उद्देश्य था देश के ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना और नए डिजिटल सेवाओं को उन तक पहुंचाना। इससे ग्रामीण भारत को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया है।

आत्मनिर्भर भारत पैकेज से संबंध

अब हम एन

योजना के उद्देश्यों में सबसे पहला उद्देश्य है मधुमक्खी पालन उद्योग के समग्र विकास को बढ़ावा देना। इसके माध्यम से, हम मधुमक्खी पालन सेक्टर को मजबूत और सुरक्षित बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

दूसरा उद्देश्य है किसानों और गैर-किसान घरों के लिए आय और रोजगार सृजन करना। मधुमक्खी पालन से लोग अपनी आय को बढ़ा सकते हैं और अपने परिवार के लिए रोजगार का स्रोत उपलब्ध करा सकते हैं। यह उद्देश्य उन लोगों की मदद करने के लिए है जिन्हें अन्य कृषि या रोजगार के विकल्प नहीं हैं।

तीसरा उद्देश्य है कृषि/बागवानी उत्पादन में वृद्धि करना। मधुमक्खी पालन उद्योग से हम न केवल मधुमक्खी से ही बल्कि उसके उपजाऊ और गुणवत्ता वाले उत्पादों से भी फायदा उठा सकते हैं। इसके माध्यम से हमें अधिक मात्रा में उत्पादों की आपूर्ति करने का मौका मिलता है और इससे कृषि/बागवानी क्षेत्र में वृद्धि होती है।

चौथा उद्देश्य है बुनियादी ढांचे का विकास। हमें विभिन्न मधुमक्खी पालन तकनीकों और सुझावों का अध्ययन करना होगा ताकि हम सुरक्षित, सामर्थ्यवान और उत्पादकता वृद्धि के लिए बेहतर तरीकों को अपना सकें। इसके लिए विभिन्न शोध और विकास कार्यक्रम आयो

एनबीएचएम उप-मिशन

एनबीएचएम (नवोदय भारती योजना) एक भारत सरकार की पहल है जिसका उद्देश्य ग्रामीण और छोटे शहरों में शिक्षा के स्तर को सुधारना है। इसका मुख्य ध्येय है विद्यालयी शिक्षा के लिए बेहतर और आदर्श सुविधाएं प्रदान करना ताकि छात्रों का संपूर्ण विकास हो सके।

नी मिशन – I

एनबीएचएम के तहत पहला मिनी मिशन संचालित किया गया था। इसके अंतर्गत छात्रों को विज्ञान और गणित के क्षेत्र में मजबूत बनाने का प्रयास किया गया। इस मिशन के अंतर्गत, छात्रों को विज्ञान और गणित के महत्वपूर्ण अध्ययन सामग्री प्रदान की गई और उनकी समझ और रुचि को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रयोगों और गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस मिशन के अंतर्गत, छात्रों की गणित और विज्ञान में मजबूती विकसित करने के लिए उन्हें नवीनतम तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करने का मौका मिला।

मिनी मिशन – II

द्वितीय मिनी मिशन का उद्देश्य छात्रों के लेखन कौशल को सुधारना था। इस मिशन के अंतर्गत, छात्रों को विभिन्न प्रकार के लेखन आधारित गतिविधियों का मौका मिला। इसके साथ ही, विद्यालयी छात्रों को मुख्य विषयों के बारे में लेखन कौशल को सुधारने के लिए विभिन्न लेखन प्रतियोगिताओं और कार

मधुमक्खी पालन करने के कई लाभ होते हैं। यह न केवल आर्थिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि सामाजिक और पारिस्थितिक लाभ भी।

एक आर्थिक लाभ है कि मधुमक्खी उत्पादों का उत्पादन उच्च गुणवत्ता और मात्रा में होता है। मधु एक महंगा वस्त्रादि है और इसका उपयोग विभिन्न रसोईघरीय और आयुर्वेदिक उपचारों में होता है। मधुमक्खी मोम भी एक उच्च मूल्य वस्त्रादि है और इसका उपयोग कंधों और मोमबत्तियों के निर्माण में होता है।

सामाजिक लाभ की बात करें, तो मधुमक्खी पालन सामूहिक रूप से किया जा सकता है और इससे लोगों को रोजगार का अवसर मिलता है। यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए एक आय का स्रोत बन सकता है। मधुमक्खी पालन समुदाय के सदस्यों के बीच सहयोग और सम्बन्ध भी बढ़ा सकता है।

पारिस्थितिक लाभ की दृष्टि से, मधुमक्खी पालन प्राकृतिक संसाधनों का सुरक्षित उपयोग करने का एक तरीका है। यह नकली खाद्य और पेस्टिसाइड का उपयोग कम करता है और पर्यावरण की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। मधुमक्खी पालन वनस्पतियों की अमिट विविधता को बढ़ावा देता है और जंगली जानवरों के लिए आवास की विकास करता है।

अंत में, मधुमक्खी पालन घरेलू और वैश्विक बाजारों के लिए भी महत्वपूर्ण है। इससे प्राप्त होने वाले उत्पादों की मांग बढ़ रही है, जैसे कि शहद, मोम, और अन्य उत्पाद, जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में लगातार बढ़ रही है। इससे किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होती है और कृषि उत्पादकता में भी वृद्धि होती है, जिससे यह एक लाभकारी व्यवसाय बन सकता है।

पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो मधुमक्खी उत्पादों के संग्रह, प्रसंस्करण, भंडारण, विपणन और मूल्य वर्धन में सहायता करती है। यह प्रक्रिया मधुमक्खी उत्पादों को उच्चतम गुणवत्ता और मूल्य में परिवर्धित करने में मदद करती है।

मधुमक्खी उत्पादों का संग्रह तब किया जाता है जब मधुमक्खी संचार करके फूलों से नेक्टार को इकट्ठा करती हैं। यह नेक्टार उनके पेट के अंदर संग्रहित होता है और इसे बांधकर रखा जाता है। इसके बाद, इस नेक्टार को अलग करने के लिए विशेष प्रक्रिया के माध्यम से उत्पादों को निकाला जाता है।

उत्पादों का प्रसंस्करण मधुमक्खी उत्पादों को विभिन्न रूपों में बदलने की प्रक्रिया है। इसमें मधुमक्खी उत्पादों को साफ किया, छाना, और उन्हें अनुपयोगी तत्वों से अलग किया जाता है। इसके बाद, उत्पादों को आवश्यकतानुसार पैक किया जाता है।

भंडारण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो मधुमक्खी उत्पादों को उच्चतम गुणवत्ता में सुरक्षित रखने में मदद करती है। मधुमक्खी उत्पादों को रासायनिक पदार्थों से बचाए रखने के लिए विशेष धातुओं के बंद डिब्बों या इंजेक्शन मोल्डिंग विधि का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, उत्पादों को ठंडे और सूखे वातावरण में रखा जाता है ताकि उनकी गुणवत्ता और स्वाद बरकरार रहे। इन उपायों से मधुमक्खी उत्पादों की लंबी अवधि तक सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित होती है।

FAQs: 

एनबीएचएम क्या है और इसका उद्देश्य क्या है? 

एनबीएचएम (राष्ट्रीय मधुमक्खी और बीज उत्पादन मिशन) भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य मधुमक्खी पालन और बीज उत्पादन को बढ़ावा देना है.

एनबीएचएम के तहत किन प्रकार के बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है? 

एनबीएचएम के तहत मधुमक्खी पालन और बीज उत्पादन के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है, जिसमें मधुमक्खी घरों, प्रसंस्करण इकाइयों और प्रदर्शन केंद्रों का निर्माण शामिल है.

मधुमक्खी पालन से किन प्रकार के आर्थिक, सामाजिक और पारिस्थितिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं? 

मधुमक्खी पालन से आर्थिक लाभ के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और कृषि उत्पादकता में वृद्धि जैसे सामाजिक और पारिस्थितिक लाभ भी प्राप्त हो सकते हैं.

एनबीएचएम के तहत महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए क्या प्रावधान हैं? 

एनबीएचएम के तहत महिलाओं को मधुमक्खी पालन गतिविधियों में शामिल करने और उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, ताकि उनकी आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक स्थिति में सुधार हो सके.

एनबीएचएम के तहत मधुमक्खी उत्पादों के पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधन के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? 

एनबीएचएम के तहत मधुमक्खी उत्पादों के पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधन के लिए प्रसंस्करण इकाइयों का निर्माण, गुणवत्ता नियंत्रण और प्रमाणीकरण जैसे कदम उठाए जा रहे हैं.

 

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