krishi sakhi scheme program किसानों को खेती की नई नई तकनीकी सीखने के लिए केंद्र सरकार ने शुरू की है कृषि सखी योजना। कृषि सखी प्रोग्राम के तहत किसानों को प्राकृतिक तरीके से खेती करना सिखाया जाएगा।
About krishi sakhi scheme program
krishi sakhi scheme program क्या आप भी किसान है और कृषि करने के नई-नई तकनीक के बारे में जानना चाहते हैं। तो आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि आज के आर्टिकल में हम आपको एक ऐसी स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं
की आपको खेती करने के नए-नए तकनीक के बारे में बताया जाएगा। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में किसानों को प्राकृतिक खेती के तौर तरीके सिखाए जाएंगे।
50,000 कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती के लिए शिक्षित करने के मकसद से ही इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को शुरू किया गया है। इसमें कृषि मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय जैविक और प्राकृतिक खेती केंद्र के द्वारा सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। चलिए जानते हैं कृषि सखी ट्रेनिंग (krishi sakhi training) में क्या है खास।
krishi sakhi scheme program आ क्यों शुरू हुआ krishi sakhi training
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के मकसद से ग्रामीण विकास मंत्रालय और कृषि और किस मंत्रालय की तरफ से कृषि सखी प्रोग्राम को शुरू किया गया है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत ही कृषि सखी ट्रेनिंग को शुरू किया गया है।
कृषि सखी ट्रेनिंग से फसलों का बढ़ेगा उत्पादन
इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में बताते हुए अतिरिक्त सचिव, ग्रामीण आजीविका, चरण सिंह ने सामाजिक और आर्थिक गतिशीलता के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में परिवर्तन लाने में सामुदायिक संसाधन, व्यक्ति की भूमिका पर प्रकाश डाला है।
उन्होंने कहा कि गांव को समृद्ध गांव के रूप में बदलने और लखपति एसएचजी सदस्य को बनाने में दोनों मंत्रालय के लिए प्राकृतिक, खेती पहल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ये भी पढ़ें – Weather Update आने वाले समय में किसानों के लिए कैसा रहेगा मौसम, जानें डिटेल में
ट्रेनिंग किसानों को क्या सिखाएंगे
कृषि सखी ट्रेनिंग प्रोग्राम में किसानों को प्राकृतिक खेती करने के तरीके के बारे में सिखाया जाएगा। इसके अलावा खेती करने के नए-नए तकनीक के बारे में भी विस्तार में जानकारी मिलेगी।
किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना और स्वस्थ और पर्यावरण के अनुकूल भोजन का उत्पादन करने के बारे में सिखाया जाएगा। पौधों की देखभाल, कीटों और रोगों पर नियंत्रण के अलावा प्राकृतिक खेती के सिद्धांत सिखाए जाएंगे।