Brinjal farming बैगन की खेती करके हमारे किसान भाई फायदे में रह सकते हैं। नीचे बताई गई जरूरी बातों का ध्यान रखकर अगर आप बैंगन की खेती करते हैं तो इससे आपकी आय बढ़ सकती है।
Brinjal farming आमदनी कमाना चाहते हैं तो करें बैंगन की खेती
बैंगन की खेती मुख्य रूप से सब्जी के लिए ही की जाती है। अगर उन्नत वैज्ञानिक क्रियाओं के साथ फसल की खेती की जाए तो अच्छी उपज के साथ-साथ किसानों को दुगना मुनाफा भी होता है।
बैंगन की खेती करने के लिए सबसे पहले जरूरी होता है इसके नर्सरी को तैयार करना उसके बाद पौधों के उपाय के लिए खेत को समतल बनाकर रोपाई के योग्य बनाना।
बैंगन की खेती करने के लिए उचित जल निकास और बलुई दोमट मिट्टी की जरूरत पड़ती है। यह चीज अगर पूरी है तो आपकी फसल की उपज बहुत अच्छी हो सकती है। इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बैंगन की खेती करना और इसके फायदे के बारे में बताएंगे।
Brinjal farming नर्सरी तैयार करें
बैंगन की खेती करने से पहले इसकी नर्सरी तैयार होती है। अगर आप शंकर प्रजाति के बैंगन की खेती करना चाहते हैं तो इसके लिए प्रति हेक्टर 300 ग्राम बीज काफी है। जहां पर नर्सरी बनानी है उसे जगह को अच्छे तरीके से खुदाई करके समतल करें।
बीज को ट्राइकोडर्मा से इलाज करें। खरपतवारों को निकाल कर सड़ी गोबर का खाद्य बना कर उसमें डालें। 1 सेंटीमीटर की गहराई में 2 सेंटीमीटर की दूरी पर बीज के बिजाई करें।
Brinjal farming पौधों की रोपाई
जानकारी के लिए आपको बता दे की बैंगन की नर्सरी तैयार करने के लिए जून जुलाई का महीना और पौधों की रोपाई करने के लिए जुलाई अगस्त का महीना सही है।
जब पौधों में तीन से चार पत्तियों निकल जाए और उनकी लंबाई 15 सेंटीमीटर तक हो तब यह रोपाई के लिए तैयार है। रोपाई के समय पौधों में दूरी 60 * 60 सेंटीमीटर की जरूर रखें।
अगर आप शाम के वक्त इसकी रोपाई करते हैं तो वह ज्यादा फायदेमंद रहती है। रोपाई के बाद पानी की हल्की वर्षा करनी चाहिए। इसमें लगभग 10 से 15 दिन बाद सिंचाई करें।
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लगभग 500 प्रति हेक्टर आप बैंगन की फसल की उपज कर सकते हैं। यह मौसम और प्रजाति पर भी निर्भर करता है। ध्यान रहे बैंगन की तोड़ाई तब करे जब यह पूर्ण रूप से तोड़ने के लिए तैयार हो जाए।