स्ट्रॉबेरी की खेती अब केवल ठंडे इलाकों तक ही सिमट कर नहीं रह गई है। बल्कि काम ठंड वाले इलाकों में इसकी खेती धड़ाधड़ हो रही है। स्ट्रॉबेरी की खेती करने का एक ऐसा प्लान है जो इस काम ठंड वाले क्षेत्र में भी सफल बना रहा है।
स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए आया यह प्लान
पहले स्ट्रॉबेरी की खेती ज्यादातर हिमाचल प्रदेश या कश्मीर जैसे ठंडे इलाकों में हुआ करती थी। लेकिन जब से किसानों ने पारंपरिक फसलों की खेती छोड़कर अन्य फसलों की खेती को अपनाया है तब से हर संभव चीज को उन्होंने संभव कर दिखाया है। आज के किसान विभिन्न प्रकार के सब्जियों के साथ-साथ हर प्रकार के फलों की खेती करने में माहिर हो गए हैं। विदेशी फलों की खेती भी हमारे देश में खूब होने लगी है। ऐसा ही एक फल है स्ट्रॉबेरी जो आमतौर पर ठंडे इलाकों में होता है। स्ट्रॉबेरी की खेती से किसान अब लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। पहले जहां इसकी खेती हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और कश्मीर में हुआ करती थी। वहीं अब सिर्फ ठंडे इलाकों में ही नहीं बल्कि कम ठंड वाले क्षेत्र जैसे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी हो रही है। विभिन्न राज्यों के किस स्ट्रॉबेरी की खेती करके लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। आज के इस पोस्ट के जरिए हम आपको स्ट्रॉबेरी की खेती करने का बेस्ट तरीका बताने वाले हैं, जिससे आप भी मालामाल हो जाएंगे।
स्ट्रॉबेरी की खेती कब की जाती है
जानकारी के लिए आपको बता दे की स्ट्रॉबेरी की खेती साल के आखिर में शुरू हो जाती है। किसान सितंबर और अक्टूबर के महीने में स्ट्रॉबेरी की बुवाई करनी शुरू कर देते हैं। स्ट्रॉबेरी की खेती ने कई राज्य के किसानों को मालामाल कर दिया है। यही वजह है कि अब किसानों ने पारंपरिक फसलों की जगह इस प्रकार के फसलों की खेती करके मुनाफा कमाना शुरू कर दिया है।
अगर आप स्ट्रॉबेरी का बिजनेस करना चाहते हैं तो वह भी आपके लिए फायदेमंद रह सकता है। क्योंकि स्ट्रॉबेरी बच्चों से लेकर पढ़ो तक सबको खाना बहुत पसंद है। स्ट्रॉबेरी की आइसक्रीम, स्ट्रॉबेरी जेम का सेवन लोग खुश होकर करते हैं इसके साथ-साथ इसका केक भी लोगों को काफी पसंद आता है। इसलिए जो किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं वह इसका बिजनेस शुरू करते हैं तो डबल मुनाफा कमा सकते हैं।
ऐसे करें स्ट्रॉबेरी की खेती
स्ट्रॉबेरी की खेती करते समय अगर आप बताई हुई बातों का ध्यान रख लेते हैं तो आपको लाखों का मुनाफा कमाने से कोई नहीं रोक सकता है तो चलिए जानते हैं । इसकी खेती के बारे में। बुवाई से करीब 1 सप्ताह पहले खेत की अच्छे से जुताई कर लें और इसके बाद इसमें गोबर की खाद अच्छे से मिले और उसके साथ ही कीटनाशक के तौर पर पोटाश और फास्फोरस मिलाएं।खेत में फिर क्यारियां का निर्माण करें। क्यारियां में पाइपलाइन की व्यवस्था करें। स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए 5 से 6.5 पीएच वाली मिट्टी को बेहतर माना जाता है। इसके लिए बलुई दोमट मिट्टी का इस्तेमाल सबसे अच्छा होगा।इसके लिए 7 डिग्री से लेकर 30 डिग्री तक का तापमान एकदम सही है।