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भारत का एक राज्य उत्तर प्रदेश जो की गुंडागर्दी के साथ-साथ अफीम की खेती के लिए भी काफी मशहूर था। आपको बता दें कि जब से योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) वहां के सीएम बने हैं तब से यूपी में बहुत सुधार आ गया है। हर क्षेत्र में बदलाव हुआ है जिसका असर खेती किसानी पर भी खूब पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश का बाराबंकी गांव जो कभी अफीम की खेती के लिए जाना जाता था अब वह विभिन्न प्रकार की सब्जियों के लिए देशभर में मशहूर है। प्रदेश के किसान सब्जी की खेती पर बंपर कमाई कर रहे हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे युवा किसान की कहानी बताने वाले हैं जिन्होंने सब्जियों की खेती से एक मिसाल कायम की है । यह देखकर आसपास के किसान भी उनके नक्शे कदम पर चलने लग गए हैं और विभिन्न प्रकार की सब्जियों को खेतों में आकार अच्छी आमदनी कमा रहे हैं। किस तरीके से उन्होंने अपने जिले की तस्वीर सब्जियों के बदौलत बदल दी है चलिए जानते हैं विस्तार से…
आईपीएम तरीके से की खेती
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रहने वाले युवा किसान विवेक चौहान ने आईपीएम तरीके से सब्जियों की खेती करके सबको हैरान कर दिया है। सब्जियों की खेती करके उन्होंने अपने और अपने परिवार की तकदीर बदल ली है। वह एक ऐसे किस है जो खेतों में जैविक खाद का उपयोग करके लौकी और तोरी की खेती कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य कई प्रकार की सब्जियां भी उगा रहे हैं। उन्हें देखकर दूसरे किसान भी उनसे प्रेरणा ले रहे हैं और सब्जियों की खेती की शुरुआत कर रहे हैं।
लौकी और तोरी से शुरू की सब्जी की खेती
बाराबंकी के किसान अब पारंपरिक फसलों की जगह सब्जियों की खेती कर रहे हैं जिसके पीछे विवेक चौहान की ही सीख है। विवेक ने एक एकड़ में लौकी की खेती से सब्जियों की खेती की शुरुआत की थी। मौजूदा समय मैं 5 एकड़ जमीन में लौकी के अलावा तोड़ी और अन्य दूसरे सब्जियों की पैदावार करके एक फसल से करीब 5 लख रुपए की कमाई कर रहे हैं।
फसल में डालते हैं जैविक खाद
विवेक चौहान सब्जियों की खेती से अगर आज इतना मुनाफा कमा रहे हैं तो उसके पीछे राज है जैविक खाद। जी हां वह करेला, तोरी, लौकी और टमाटर गोभी जैसी अन्य सब सब्जियों में जैविक खाद का उपयोग कर रहे हैं। वह दूसरों किसानों को भी यह संदेश दे रहे हैं कि केमिकल मुक्त जैविक खाद से सब्जियां उगाई और देश को निरोग बनाएं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विवेक चौहान का कहना है कि इस प्रकार से खेती करने पर लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है।
उत्तर प्रदेश का बाराबंकी जिला जो कभी अफीम की खेती के लिए जाना जाता था, अब वह सब्जियों के लिए मशहूर है। वहां के किसान केवल सब्जियों की खेती से ही लाखों की कमाई कर रहे हैं।
सब्जियों की खेती से मालामाल हुए उत्तर प्रदेश के किसान
भारत का एक राज्य उत्तर प्रदेश जो की गुंडागर्दी के साथ-साथ अफीम की खेती के लिए भी काफी मशहूर था। आपको बता दें कि जब से योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) वहां के सीएम बने हैं तब से यूपी में बहुत सुधार आ गया है। हर क्षेत्र में बदलाव हुआ है जिसका असर खेती किसानी पर भी खूब पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश का बाराबंकी गांव जो कभी अफीम की खेती के लिए जाना जाता था अब वह विभिन्न प्रकार की सब्जियों के लिए देशभर में मशहूर है। प्रदेश के किसान सब्जी की खेती पर बंपर कमाई कर रहे हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे युवा किसान की कहानी बताने वाले हैं जिन्होंने सब्जियों की खेती से एक मिसाल कायम की है । यह देखकर आसपास के किसान भी उनके नक्शे कदम पर चलने लग गए हैं और विभिन्न प्रकार की सब्जियों को खेतों में आकार अच्छी आमदनी कमा रहे हैं। किस तरीके से उन्होंने अपने जिले की तस्वीर सब्जियों के बदौलत बदल दी है चलिए जानते हैं विस्तार से…
आईपीएम तरीके से की खेती
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रहने वाले युवा किसान विवेक चौहान ने आईपीएम तरीके से सब्जियों की खेती करके सबको हैरान कर दिया है। सब्जियों की खेती करके उन्होंने अपने और अपने परिवार की तकदीर बदल ली है। वह एक ऐसे किस है जो खेतों में जैविक खाद का उपयोग करके लौकी और तोरी की खेती कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य कई प्रकार की सब्जियां भी उगा रहे हैं। उन्हें देखकर दूसरे किसान भी उनसे प्रेरणा ले रहे हैं और सब्जियों की खेती की शुरुआत कर रहे हैं।
लौकी और तोरी से शुरू की सब्जी की खेती
बाराबंकी के किसान अब पारंपरिक फसलों की जगह सब्जियों की खेती कर रहे हैं जिसके पीछे विवेक चौहान की ही सीख है। विवेक ने एक एकड़ में लौकी की खेती से सब्जियों की खेती की शुरुआत की थी। मौजूदा समय मैं 5 एकड़ जमीन में लौकी के अलावा तोड़ी और अन्य दूसरे सब्जियों की पैदावार करके एक फसल से करीब 5 लख रुपए की कमाई कर रहे हैं।
फसल में डालते हैं जैविक खाद
विवेक चौहान सब्जियों की खेती से अगर आज इतना मुनाफा कमा रहे हैं तो उसके पीछे राज है जैविक खाद। जी हां वह करेला, तोरी, लौकी और टमाटर गोभी जैसी अन्य सब सब्जियों में जैविक खाद का उपयोग कर रहे हैं। वह दूसरों किसानों को भी यह संदेश दे रहे हैं कि केमिकल मुक्त जैविक खाद से सब्जियां उगाई और देश को निरोग बनाएं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विवेक चौहान का कहना है कि इस प्रकार से खेती करने पर लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है।