उनको इल्लियों से कैसे बचाएं? आईए जानते हैं

बैंगन की फसल को इल्लियों से खतरा रहता है। किसान इससे फसल को बचाने के लिए रासायनिक खाद का इस्तेमाल करते हैं लेकिन इसका कुछ खास प्रभाव इन पर नहीं पड़ता है और सब्जी खराब हो जाती है।

 

बैंगन को इल्लियों से बचाने का तरीका

 

किसान सब्जियों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाने लग गए हैं। किसी भी सब्जी में उन्हें अधिक मेहनत या लागत की आवश्यकता नहीं पड़ती है। हां परंतु एक ऐसी सब्जी है जिसमें कि कीटों और रोगों से उन्हें परेशानी रहती है। उस सब्जी का नाम बैंगन है। क्योंकि बैंगन की फसल को फल और तना छेदक कीट किसानों को दुखी करके रख देते हैं। यह बैंगन की फसल को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।

 

हालांकि इससे निषाद पाने के लिए किस रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं। पर उनका कुछ खास प्रभाव इन पर नहीं पड़ता है। जो रासायनिक कीटनाशक बैंगन पर इस्तेमाल किए जाते हैं उसका बुरा प्रभाव खाने वाले के शरीर पर पड़ता है। किसी भी कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए आवश्यक है कि हम उस कीट की प्रकृति, स्वभाव, पहचान, जीवन चक्र के बारे में जानकारी रखें, तभी कीट का प्रभावकारी नियंत्रण किया जा सकता है।

 

आज के आर्टिकल में हम आपको बैंगन की फसल को इल्लियों से कैसे बचाना है इसके बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। आपने भी अगर बैंगन की खेती की है तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत जरूरी है।

 

इल्लियों को कैसे रोके

 

अगर समय रहते ही इस पर नियंत्रण पा लिया जाए तो बैंगन को इस से बचाया जा सकता है। कीट से फसल को बचाने के लिए कीट की वयस्क पतंगा, तितली को फसल पर अन्डा देने से बचाना होता है। एक बार यदि अन्डे से लार्वा/इल्ली निकल कर पौधे के अन्दर प्रवेश कर जाती हैं फिर फलों को नुक्सान से नहीं बचाया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है बैंगन की फसल की हमेशा निगरानी करते रहें। पत्तियां, तना फूल की कली और कीट के अन्डे दिखाई दें तो उन्हें हटा कर नष्ट करें। तितलियां और पतंगों की निगरानी करें। तितलियां दिन में काफी सक्रिय रहती हैं। उस समय हाथ के जाल से पकड़ कर खत्म कर दें। पौधों की तने व शाखाओं का अग्र भाग कीट के प्रभाव से जैसे ही मुर्झा कर झुकने लगे इन भागों को एक इंच नीचे से काट कर पौधों से हटायें । साथ ही ग्रसित फल, पौधों की सूखी टहनियों गिरी सूखी पत्तियों को एक पौलीथीन में एकत्रित कर खत्म कर दे।

 

फसल के लिए है नुकसानदायक

 

इल्लियां बैंगन की फसल के लिए काफी नुकसानदायक साबित होता है। यह फसल को पूरी तरीके से बर्बाद कर देता है और किसानों को नुकसान हो जाता है। ‌पौधों पर फल आने पर लार्वा, इल्लियां फलों में छेद बना कर अंदर प्रवेश कर अन्दर घुसते ही कीट छेदों को अपने मल मूत्र से बन्द कर देते हैं। इल्लियां अंदर ही अंदर फल के गूद्दे को खाती रहती हैं। कीट द्वारा किए गए छिद्रों से फफूंद व जीवाणु फलों के अन्दर प्रवेश करते हैं, जिससे बाद में फल सड़ने लगते है।

 

नियंत्रक पाने के लिए दवा

 

आपके बैंगन की फसल पर अगर इल्लियों का अधिक प्रकोप हो रहा है तो इसे नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। इसके प्रकोप को रोकने के लिए किसान प्रोपेनोफॉस या ट्राइजोफॉस दवा का 2 एमएल प्रति लीटर पानी के हिसाब से 500 से 600 लीटर घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें। इससे बहुत फायदा होगा। इल्लियों से छुटकारा मिलेगा और फसल बची रहेगी।

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