इस तरीके से करेंगे मिर्च की खेती तो होगी बंपर कमाई

हमारे किसान भाई अगर प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल करके मिर्च की खेती करते हैं तो उन्हें कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त हो सकता है। क्योंकि इस तरीके से मिर्च की खेती करने से पैदावार अधिक होती है।

 

 

प्लास्टिक शीट के जरिए करें मिर्च की खेती

 

हमारे देश के लोग चटपटी चीज खाना ज्यादा पसंद करते हैं और चीजों को चटपटी बनाने के लिए मिर्च का अहम योगदान होता है। क्योंकि मिर्च के बिना किसी भी ज़ायके में वह तीखा या चटपटापन नहीं आता जो लोगों को चाहिए होता है। भोजन के स्वाद को बढ़ाना है तो उसमें मिर्च भी एक अहम मसाला माना गया है। आपको बताते चले की मिर्ची जहां मसले को तीखा बनाने के लिए जाना जाता है वही यह सेहत के लिए भी कई गुणों से भरपूर होती है।

 

इसकी खेती खरीफ और रबी दोनों सीजन में होती है। अगर आप भी मिर्च की खेती करना चाहते हैं और बेहतर पैदावार लेना चाहते हैं तो मिर्च के खेत के ऊपर प्लास्टिक शीट लगाएं। इसे लगाने में बहुत अधिक लागत नहीं आएगी लेकिन पैदावार जरूर बढ़ जाएगी। आप भी अगर मिर्च की खेती से अधिक पैदावार हासिल करना चाहते हैं तो आज का हम यह पोस्ट आपके लिए ही लेकर आए हैं । जिसमें हम आपको बताएंगे कि आप किस तरीके से मिर्च की फसल की पैदावार को बढ़ा सकते हैं।

 

अधिक पैदावार के लिए करें प्लास्टिक शीट का उपयोग

 

हमारे आज के किसान बहुत ज्ञानी हो गए हैं और वह नई-नई तकनीक को अपनाकर खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। प्लास्टिक शीट भी एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिए खेती करके फसल की पैदावार को किस बढ़ा रहे हैं। हमारे देश के किसान सिंचाई के लिए जहां आधुनिक तकनीक ड्रिप तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। वही प्लास्टिक शीट लगाकर फसल के पैदावार को दुगना कर रहे हैं। किसान 30 माइक्रोन मोटाई वाली अल्ट्रावॉयलेट रोधी प्लास्टिक मल्चिंग शीट का प्रयोग कर सकते हैं। इसे लगाने से खरपतवार नियंत्रण के साथ-साथ सिंचाई में जल की मात्रा में भी कमी आती है। किसान भाई इसका इस्तेमाल करके अधिक उपज प्राप्त कर रहे हैं।

 

मल्चिंग तकनीक किसे कहते हैं

 

कृषि वैज्ञानिकों ने खेती को आसान बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के तकनीक लेकर आए हैं जिनमें से एक अहम तकनीक है मल्चिंग तकनीक। मल्च एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग मिट्टी में नमी बनाए रखने, खरपतवारों को दबाने, मिट्टी को ठंडा रखने और सर्दियों में पाले की समस्या से पौधों को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। यह तकनीक जल निकासी और पोषक तत्वों को धारण करने की क्षमता में सुधार करने में भी मदद करती है।

 

जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि प्लास्टिक मल्चिंग की तो ये पॉलिथीन से बनाई जाती । तीन प्रकार के रंगों में उपलब्ध है जिसे खरीद कर आप इस खेती की शुरुआत कर सकते हैं।‌ बात करें अगर इसके उपयोग की तो पहले खेत की अच्छी तरह जुताई कर लें। इसके साथ ही गोबर की खाद मिट्टी में मिला दें। उसके बाद खेत में उठी हुई मेढ़ यानी बेड बना लें। इसके बाद ड्रिप सिंचाई की पाइप लाइन को बिछा दें। उसके बाद प्लास्टिक मल्च को अच्छी तरह बिछाकर दोनों किनारों को मिट्टी की परत से अच्छी तरह दबा दें।

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